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सरस्वती बाल कल्याण न्यास का गठन

1 जून 2001 को देवपुत्र नई शताब्दी के आरंभ में 1 लाख की प्रसार संख्या का कीर्तिमान प्राप्त कर चुका था। विद्याभारती के राष्ट्रीय संगठन मंत्री मा. लज्जाराम जी तोमर, राज्यपाल भाई महावीर एवं इन्दौर की सांसद श्रीमती सुमित्रा महाजन व तत्कालीन महापौर श्री कैलाश विजयवर्गीय ने तीन दिवसीय समारोह में इसकी घोषणा की।

देवपुत्र का संचालन अब सरस्वती बाल कल्याण न्यास नामक पंजीकृत न्यास के माध्यम से होने लगा। 19 जुलाई 2001 को गठित इस न्यास के प्रथम अध्यक्ष मा. यतीन्द्र कुमार जी शर्मा बनाए गए। श्री नारायणदास जी मूंदडा, श्री दत्तात्रय जी उननगांवकर, श्री सुरेश जी पौराणिक एवं श्री कृष्णकुमार जी अष्ठाना इसके सदस्य बने। कालान्तर में श्रीश्रीराम आरावकर, श्री भालचंद्र रावले, श्री मोहनलाल गुप्ता, श्री नाथूलाल राठौर, डा. कमल किशोर चितलांग्या, श्री गोपाल काकाणी, श्री शशिकांत फडके एवं सीए. श्री राकेश भावसार न्यास के सदस्य के रूप में सम्मिलित होते गए।

14 नवम्बर 2017 को न्यास के अध्यक्ष मा. यतीन्द्रजी शर्मा ने श्री कृष्णकुमार अष्ठाना को अध्यक्षीय दायित्व प्रदान कर दिया। इसके पूर्व श्री अष्ठाना प्रबंध न्यासी के रूप में दायित्व निर्वहन कर रहे थे। आपके अध्यक्ष बनने पर सीए. श्री राकेश भावसार को प्रबंध न्यासी मनोनीत कर लिया गया।

4 जुलाई 2022 को श्री कृष्णकुमार जी अष्ठाना ने अध्यक्षीय दायित्व डा.श्री कमल किशोर चितलांग्या को सौंप दिया

न्यास एवं प्रबंधन एक पक्ष है लेकिन देवपुत्र के विकास में श्री अष्ठाना जी की अभिनव योजनाओं का योगदान अविस्मरणीय है।